ऋजुबालिका में प्रतिष्ठा महोत्सव की मची धूम,।भगवान का मनाया गया केवल्य ज्ञान महोत्सव

वरगोड़ा में शामिल आचार्य जी 

(गिरिडीह)--// समवशरण मंदिर प्रतिष्ठा को लेकर ऋजुबालिका तीर्थ क्षेत्र में भक्ति की बयार बह रही है।पिछले तीन दिनों से कई मांगलिक विधि विधान किये जा रहे हैं।बताते चले कि ऋजुबालिका तीर्थ में जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी की दीक्षा महोत्सव शनिवार को धूमधाम के साथ मनाई गई।पूरा तीर्थ क्षेत्र महावीर के जयकारों से गुंजायमान हो उठा।वहीं रविवार को बराकर नदी के तट स्थित भगवान महावीर स्वामी के केवल्य ज्ञान भूमि ऋजुबालिका तीर्थ में समवशरण मंदिर का प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।इधर शनिवार को आचार्य नित्यानंद सूरीश्वर जी महाराज की निश्रा में भगवान का दीक्षा कल्याणक महोत्सव मनाया गया।जहाँ इस दौरान कई मांगलिक कार्य किये गये।दीक्षा महोत्सव को लेकर मंदिर से भव्य बरगोड़ा निकाला गया।जो मंदिर परिसर से निकलकर मुख्य पथ स्थित बन्दरकुप्पी तक गाजे बाजे के साथ निकली फिर वहां से वापस पूजा स्थल पहुंची।इस दरम्यान जुलूस में आचार्य जी के साथ  अन्य साधु भी चल रहे थे।वहीं जैन धर्म की महिलाएं पुरुष  भगवान की जयकारे लगाते जा रहे थे।


कार्यक्रम की जानकारी देते हुए मुनि मोक्षानंद विजय जी महाराज  दीक्षा के विषय मे विस्तार पूर्वक बताया कि परमात्मा ने सांसारिक कार्यों का त्याग करके धर्म तीर्थ की स्थापना करने के लिए दीक्षा अंगीकार किया।भगवान दीक्षा लेने के बाद आराधना काल मे विचरण करते तरह तरह के तप करते रहे।इसी बीच विचरण करते करते बराकर नदी तट स्थित इसी ऋजु बालिका में पधारते हैं।जहां भगवान ने 42 वर्ष की उम्र में वैशाख शुक्ल दशमी के दिन परमात्मा ने केवल ज्ञान केवल दर्शन अर्थात परम् ज्ञान को उपलब्ध किया।केवल ज्ञान कल्याणक शनिवार मध्य रात्रि अंजनशलाका के रूप में विधान पूर्ण करेंगे।

 कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित जैन श्वेतांबर सोसाइटी के अध्यक्ष  कमल सिंह रामपुरिया और ट्रस्टी अजय चंद बोथरा ने कहा कि यह सारा कार्यक्रम सोसायटी के निर्देश पर किया जा रहा है।समवशरण मंदिर की प्रतिष्ठा का बहुत महत्व होता है।मोके पर प्रबंधक उज्ज्वल रत्न,अमित गौतम, नेमचंद महतो आदि उपस्थित थे।

जैन श्वेतांबर सोसाइटी के पदाधिकारी





Comments

Popular posts from this blog

पीरटांड़ से विधानसभा चुनाव में उतर रहे हैं एक युवा नेता

श्री मद देवी भागवत महायज्ञ सुनने से जन्म जन्म के कष्ट जलकर भष्म हो जाते हैं--महंत नरहरि दास जी महाराज