600 वर्ष पूर्व से पालगंज में हो रही है दुर्गा पूजा।पालगंज राज के राजा ने शुरू की थी पूजा

  ** देवेश बक्सी  (पीरटांड ,गिरिडीह) - गिरिडीह जिले के पीरटांड प्रखंड अंतर्गत पालगंज में लगभग 600 वर्ष पूर्व से ही दुर्गा पूजा होती आ रही है।इसकी शुरुआत पालगंज राज के राजा ने 1725 ईसवी को की थी।तब से अब तक सुचारु रूप से दुर्गा पूजा पालगंज में हो रही है।हालांकि पहले यह पुजा राजा के द्वारा बलि प्रथा के साथ की जाती थी।लेकिन सन 1972 के बाद से यह पुजा सार्वजनिक कर पंचायत को सौंप दी गई।।साथ ही तब से बलि प्रथा भी बंद कर दी गई।अब दुर्गा पूजा समिति के द्वारा की जा रही है।बताते चले कि पहले सिर्फ पालगंज में ही दुर्गा पूजा होती थी जहां सभी पंचायतों के गाँवों के लोगों का श्रद्धा पूर्वक पूजा में शामिल होते थे।लेकिन फिलहाल यह पूजा प्रखंड के सात पंचायत में हो रही है।बताया जाता है कि पालगंज के बाद खुखरा, हरलाडीह, कुडको,चिरकी,मधुबन ओर बिशुनपुर में यह पूजा की शुभारंभ हुई।दुर्गा पूजा पालगंज में आज भी दुर्गा पूजा आस्था का प्रतीक बना हुआ है।लोगों की मनोकामनाएँ पुर्ण होती हैं।वर्तमान में पूजा समिति के द्वारा भव्य पंडाल एवं आकर्षक तौरण द्वार भी जगह जगह बनाया गया है।

***  गाँव से कुछ दूरी पर स्थित है दुर्गा मंडप --पूजा में काफी भीड़ भाड ओर भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन ओर शांति को देखते हुए ही शायद पालगंज के राजा के द्वारा मंडप की स्थापना गाँव के समीप टिले में की गई।ऊँची स्थान पर होने के कारण वातावरण काफी खुश नुमा रहता है।चारों ओर हरियाली ही नजर आती है।

 ***सीसीटीवी के नजर में रहेगी पूजा--इस बार गिरिडीह विधायक के द्वारा पूजा की निगरानी हेतु सीसीटीवी कैमरा दिया जा रहा है।जिससे पूजा पर निगरानी रखी जायेगी।

***वर्तमान में पुजा समिति के जिम्मे है दुर्गा पूजा -दुर्गा पूजा को सफल बनाने में कमेटी के लोग दिन रात जुटे हुए हैं।पूजा समिति के को सफल बनाने हेतु समिति के अध्यक्ष रविरंजन सिंह,सचिव सजित सिंह ने बताया कि सभी वोलेंटियर ड्रेस कोड में रहेंगे।साथ ही सभी समिति के सदस्यों को आईडी कार्ड भी रहेगा।


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